गुरुवार, 12 सितंबर 2013

बेटा: माँ माँ मुझे बहुत भूख लगी है खुछ खाने को दो न ?



बेटा: माँ माँ मुझे बहुत भूख लगी है खुछ खाने को दो न ?

माँ: मेरा प्यारा बेटा होगा बेटा मुझे पड़ोस की आंटी के यहाँ कीर्तन में जाना है तू जाकर दुकान से अपने लिए कुछ खाने के लिए ले आ ये ले 10 रु.... 
बेटा: लाला जी से अंकल जी अंकल जी एक पांच रु. वाला टाइगर बिस्कुट और एक सिगरेट देना...बेटा घर आता है मम्मी कीर्तन में वो मजे से बिस्कुट के साथ सिगरेट के गोले उड़ाता है....
दुसरे दिन: बेटा माँ माँ आज कीर्तन किसके यहाँ है ?
माँ: बेटा आज कीर्तन नहीं किट्टी पार्टी है |
बेटा: माँ मुझे भूख लगी है 10 रू. दो न आप तो किट्टी पार्टी में जा रही हो मैं दुकान से अपने लिए एक बिस्कुट का पैकेट ले आऊँगा..
माँ: बेटे से मेरा प्यारा बेटा ले बेटा मेरे पीछे सैतानी मत करना हाँ..
बेटा दुकान: जाता है अंकल एक बिस्कुट और एक सिगरेट देना...
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ये सिलसिला जब शुरू होता है तो माँ को अक्सर तब पता चलता है जब बेटा नशे का आदि हो चुका होता है और तब माँ कितना भी समझा ले मार ले तब तक बहुत देर हो चुकी होती है.... लाला जिसे केवल अपने माल बिकने से और पैसे कमाने से मतलब होता है वो कोई सामाजिक जिम्मेदारी नहीं निभाता है... सचेत रहें बच्चे नदी की धार की तरह होते हैं अगर आपने ध्यान नहीं दिया तो कहीं भी रास्ता बना सकते हैं कीर्तन, किट्टी, सत्संग से आपको कुछ मिले न मिले आप अपने घर में एक मुजरिम जरुर पैदा कर देंगे जो न सिर्फ आपके लिए बल्कि समाज के लिए भी घातक हो सकता है... अक्सर हम तब उचित कदम उठाने का प्रयास करते हैं जब सब कुछ हाथ से निकल जाता है सिगरेट मात्र शुरुवात है धीरे-धीरे ड्रग,चेन स्नेचिंग,चोरी,हत्या,बलात्कार,छेड़खानी आदि का मार्ग बनता जाता है| 

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