गुरुवार, 20 अगस्त 2015

मुख्यमंत्री हरीश रावत जी का पोता स्कूल न भी जाए तो क्या फर्क पड़ता है?

मुख्यमंत्री हरीश रावत जी का पोता स्कूल न भी जाए तो क्या फर्क पड़ता है? नेताशाही की कुर्सी तो विरासत में मिल ही जायेगी... सवाल ये उठता है कि 
क्या उत्तराखंड सरकार भी इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फ़ैसले का सम्मान करेगी या उत्तराखंड सरकार के लिए उच्च न्यायालय को अलग से आदेश देना होगा ? 
इलाहबाद हाईकोर्ट का फ़ैसला सभी सरकारी कोष (जनता के करों से एकत्रित) से वेतन भत्ते लेने वाले नेताशाही,अफ़सरशाही,जजशाही,बाबूशाही आदि को अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में पढ़ाना अनिवार्य होगा और इसका पालन 6 माह के अन्दर करके इलाहाबाद उच्च-न्यायालय को रिपोर्ट देनी होगी....
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