बुधवार, 18 सितंबर 2013

उत्तराखंड में आपदा का माल डकारा जा रहा है

उत्तराखंड में आपदा का माल डकारा जा रहा है 

धन्यवाद बन्दूक जी आप वहां मौजूद नहीं होती तो जनता को तो कानों कान खबर भी नहीं होती | चैम्पियन भाई कह रहे हैं पटाखों से लगी होगी चोट चैम्पियन भाई तुसी ग्रेट हो | हरक सिंह भाई कह रहे हैं मैं उस समय कमरे में था हरक भाई के सीने में दर्द था या कमरे में अलग से कोई और पार्टी मना रहे थे | जिन विवेकानन्द खंडूरी जी को गोली लगी उनके लिए लगातार सुनने में आ रहा है वो भले इन्सान थे विवेकानंद भाई आप ने भी आपदा की संवेदनशीलता को नहीं समझा कैसे भले इंसान हैं ? यशपाल आर्य, इन्दिरा हृदयेश बाल बाल बची आखिर दिग्गज मंत्री ही कैसे बाल-बाल बच जाते हैं ? बहरहाल सब हमारी गलती है हमारा स्वाद भी तो आप जैसे ही लोग होते हैं ईमानदार लोगों को तो लत्या के भगा देते हैं और भ्रष्ट लोगों का फूल मालाओं से स्वागत करते हैं भले पीछे से उसी के नाश होने की बद्दुवा मांगते रहते हों.... डी.जी.पी. साहब आप जनता के करों से अपना परिवार पालते हैं आपकी तो स्थाई नौकरी है आप क्यों उत्तराखंड पुलिस को केंद्र की सी.बी.आई. का तोता बना रहे हैं ये समझ से परे है आपने अपने नाम सत्यव्रत यानी सत्य का अनुशरण करने वाला की परिभाषा ही बदल कर रख दी है आखिर क्यों और किस लिए आप इतने दबाव में कार्य कर रहे हैं ? आखिर गोलिबाजों,भ्रस्टाचारियों को सलाखों के पीछे न डाल पाने में आपकी कौन सी मज़बूरी है ?

धन्य हो गए हम पूर्व हाईकोर्ट मुंबई जज, वर्त्तमान मुख्यमंत्री उत्तराखंड सरकार श्री विजय बहुगुणा जी आपके शाशनकाल में प्रदेश में जो अराजकता आपके सहपाठी कर रहे हैं उससे इतना तो साफ़ हो ही गया है कि आपके द्वारा किस प्रकार जज रहते हुवे पीड़ितों के साथ न्याय किया जाता रहा होगा | आपके इस दमन के लिए आपको मिलते हैं १०० में से १०० नंबर.... और यदि मैं गलत हूँ ? तो चाहे कांग्रेश की सरकार ही क्यों न गिरती हो मगर हिमालय पुत्र हे.न.ब. की औलाद होने का अहसास करवाओ.... तुम नहीं करवाओगे तो हम तो आने वाले समय में करवा ही देंगे.... सब जनता की गलतियाँ हैं गाली भी और फूलमालाओं से सम्मान भी डूब मरो.... जो ऐसा दोहरा चरित्र अपनाते हैं....

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