शनिवार, 31 मई 2014

108 एम्बुलेंस सेवा या पीड़ितों का व्यापार ?

मित्रों लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान चिकित्सा सेवा से जुड़ी पी.पी.पी. मोड पर चलने वाली GVK108 एम्बुलेंस सेवा की एक संदिग्ध बात एक सज्जन सामने लेकर आये, उन्होंने बताया कई बार दुर्घटना में घायल मरीज 108 अम्बुलेंस में ही दम तोड़ देते हैं मगर फिर भी उन्हें सरकारी एवं निजी चिकित्सालयों में कई-कई दिनों तक आई.सी.यू. में रखा जाता है और पीड़ितों के परिजनों को मोटी धनराशि का बिल बनाकर पैसे वसूल किये जाते हैं | अब इस बात में कितनी सच्चाई है ये तो जांच का विषय है मगर यदि सच में एसा कुछ है तो इसका संजीदगी से संज्ञान लिया जाना चाहिए कि कहीं पी.पी.पी.मोड में चलने वाली GVK108 अम्बुलेंस सेवा और निजी चिकित्सालयों का गठजोड़ मरीजों का उत्पीड़न का काम तो नहीं कर रहा है ? ‪#‎मीडिया‬ के साथियों से आग्रह है वो जनहित में सच उजागर कर जनता और सरकार के सामने लायें | मुख्यमंत्री स्वयं संज्ञान लेकर ऐसे संवेदनशील मामलों पर सी.बी.आई.जाँच बिठा कर दोषियों को कढ़ी सजा दिलवाएं |

बदलेगा भारत, जब सुधरेंगे दरिंदे, सुधरेंगे दरिंदे जब होंगे कठोर कानून

मुलायम सिंह यादव ने मुंबई में अपने भाषणों में कहा था लड़कों का खून गरम होता है गलतियाँ हो जाती हैं, लड़कियों को संभल कर रहना चाहिए | मगर मुझे अफ़सोस मुलायम के भाषणों पर नहीं देश के कानून पर होता है, जो ऐसे शर्मनाक भाषण देने वाले नेताओं को खुले सांड की तरह घूमने की छूट देता है | ये मुलायम की ही सह है, जो यू.पी. में पांच दरिंदों ने दो मासूम दलित बहनों का सामूहिक बलात्कार के बाद खुले-आम पेड़ से टांग कर मौत के घाट उतार दिया | काश हमारे देश का कानून इतना शख्त होता कि बदजुबानी के भाषण देने वाले नेताओं की जीवा काट दी जाती तो वो पांचों दरिन्दे इस प्रकार की दरिंदगी करने के बारे में सोच भी नहीं सकते थे !
मगर, मगर... अहिंशा प्रमो धर्मा.....
बदलेगा भारत, जब सुधरेंगे दरिंदे, सुधरेंगे दरिंदे जब होंगे कठोर कानून

दूर से कौवा भी अपने आप को बाज समझता है

Hafiz Sahid, Pakistan में बैठ कर गुर्राता है,
अब भारत के खिलाफ़ आखिरी ज़ेहाद का वक्त आ गया है,
खुद पाकिस्तान में बैठा है और मासूमों को बरगलाता है,
सच मानों दोस्त, ऐसा करने में हाफिज शहीद के बाप का क्या जाता है,
मरेगा वो जो हाफिज़ शहीद के कहने पर भारत में जेहाद में शामिल होगा,
इतिहास गवाह है, भले कुछ लोगों को जेहादियों ने मार भी गिराया हो,
मगर अंत में जेहादी खुद मौत के घाट उतर जाता है,
हाफ़िज शहीद पाकिस्तान में बैठकर मौज उड़ाता है,
है दम, तो भारत में रहकर ज़ेहाद नामक जहर घोलने का काम करे ?
हाफ़िज जानता है, दुसरे की जान दांव पर लगाई जा सकती है, अपनी नहीं,
मगर वो मासूम नहीं जानते जिन्हें हाफिज़ शहीद का नेटवर्क छोटे-छोटे लालच देकर
ज़ेहाद के दोजख में धकेल देता है जहाँ से वापसी के नाम पर केवल मौत ही मिलती है,
और बिलखते रह जाते हैं उन मासूमों के माता-पिता जीवनभर,
हाफिज़ शहीद दूसरों की जान की कीमत के लिए पैसे लेता है, अपनी जान के नहीं,
अपनी जान तो हर चालाक आदमी को प्यारी होती है जैसे हाफ़िज शहीद को है |
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बदलेगा भारत, जब होगा भाईचारे के साथ पर्यावरणीय संतुलित विकास |

शुक्रवार, 23 मई 2014

भाई बहनों क्या आपको पता है अकेले उत्तराखंड में प्रतिदिन कितनी सेल्स टैक्स चोरी होती है ?

कुछ दिन पहले जब मैं अपने कुछ साथियों से कह रहा था कि अकेले उत्तराखंड में प्रतिदिन एक अरब से ऊपर की सेल्स टैक्स चोरी होती है तो पास बैठे एक शक्श उत्सुकता वस हमारे पास आकर बैठ गए और उन्होंने कहा सर आप बिलकुल सही कह रहे हैं और कहते कहते उन्होंने अपना परिचय दिया कि वो एक सेल्स टैक्स अधिकारी हैं स्वाभाव से कुछ ईमानदार दिख रहे शख्स ने कहा सर हम जब भी कोई टैक्स चोरी की गाड़ी पकड़ते हैं तो जाँच के दौरान ही सेल्स टैक्स कमिश्नर, असिस्टैंट कमिश्नर, मुख्यमंत्री कार्यालय, विधायक, सांसद तक के फोन आ जाते हैं मज़बूरी होती है छोड़ने पढ़ते हैं नहीं तो नौकरी करना दुभर हो जाता है अगर उनका कहा नहीं माना तो बेमतलब उत्पीड़न किया जाता है |
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कुछ देर चर्चा के बाद सेल्स टैक्स अधिकारी ने कहा सर मेरी माँ बीमार थी एक निजी हॉस्पिटल में इलाज करवाया तो आठ लाख रूपये खर्च हो गए और मेरी सारी जमा पूंजी माँ के इलाज में खर्च हो गई, अब बेटा एम्.बी.ए. करना चाहता है और उसमें 7 लाख का खर्चा आएगा तो कहाँ से लाऊं ? आँखों में परेशानी के साथ उन्होंने अपनी बात कही और सिस्टम को कोसने लगे| जब मैंने उनसे कहा सरकार को चाहिए शिक्षा, चिकित्सा दोनों मुफ्त होनी चाहिए तो उन्होंने कहा सर अगर सरकार सिस्टम सही कर दे और टैक्स चोरी रुक जाए तो शिक्षा, चिकित्सा जैसी सुविधाएँ सरकार 100% मुफ्त दे सकती है | 
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अब आप ही बताएं आपके आस-पास प्रतिदिन कितनी सेल्स टैक्स चोरी होती है ? यदि इस चोरी को इमानदारी से रोका जाए तो जनता को कितना लाभ पहुंचेगा ?

गुरुवार, 22 मई 2014

"अनुभव बोलता है"

शहर की गलियों में घूमते हुए मैंने देखा एक नागरिक कढ़ी धूप में पशीने से लथपथ हो रखा है और वो छाया की तलाश कर रहा है, छाया की तलाश करते करते वो एक चौबाटे पर पहुंचा और रुक गया | उस मोहल्ले में कुछ आवारा कुत्ते रहते थे जिनका दाना पानी उस मोहल्ले के लोगों द्वारा चलता था मोहल्ले के कुत्तों को लगा वो नागरिक जो पशीने से लथपथ है उनको मिलने वाले भोजन के लिए वहां आया है और जोर-जोर से उस नागरिक को देखकर भोंकने लगे | कुछ देर तक पशीने से लथपथ नागरिक शांत खड़ा होकर उन आवारा कुत्तों को प्यार से पुचकारता रहा, आवारा कुत्ते कुछ देर भोंकने के बाद फिर अपनी अपनी गली के घरों की तरफ भोजन की तलाश में निकल पढ़े | अब वो नागरिक कुछ देर सुकून से बैठा और अपना पशीना पोछने के पश्चात् आगे निकल गया | मैं इस घटनाक्रम को काफ़ी देर से देखता रहा और मेरे मन में ख़याल आया भीड़ की कोई सोच नहीं होती है, भीड़ चाहे मनुष्यों की हो चाहे पशुओं की उसे तो बस हल्ला काटना है और अपने अपने मार्गों पर चल देना है |

मंगलवार, 6 मई 2014

आज़ादी, आज़ादी, आज़ादी, आज़ादी

आज़ादी, आज़ादी, आज़ादी, आज़ादी
आज़ादी, आज़ादी, आज़ादी, आज़ादी
गोरों से ली थी.............? आज़ादी
चोरों से लेंगे ...............? आज़ादी
महंगी बिजली से .........? आज़ादी
महंगे पानी से .............? आज़ादी
महंगी गैस से ............ ? आज़ादी
महंगी राशन से ...........? आज़ादी
महंगी शिक्षा से ..... .....? आज़ादी
महंगी चिकित्सा से ..... ? आज़ादी
टूटी सड़कों से ............ ? आज़ादी
गंदे नालों  ................ ? आज़ादी
श्रमिक शोषण से ........ ? आज़ादी
बेरोजगारी से ............ ? आज़ादी
गुंडागर्दी से ............... ? आज़ादी
आतंकवाद से ............ ? आज़ादी
नक्सलवाद से ........... ? आज़ादी
महिला उत्पीड़न से ..... ? आज़ादी
यौन अपराध से ..........? आज़ादी
भ्रूण हत्या से ..............? आज़ादी
दहेजलोभियों से ..........? आज़ादी
ड्रग माफ़िया से .......... ? आज़ादी
खनन माफ़िया से ....... ? आज़ादी
भू-माफ़िया से ............ ? आज़ादी
मानव तस्करी से ........ ? आज़ादी
पुलिस उत्पीड़न से ....... ? आज़ादी
रिश्वतखोरी से ........... ? आज़ादी
अंधे कानून से ............ ? आज़ादी
गंदे प्रदुषण से .............? आज़ादी
पिछड़ेपन से .............. ? आज़ादी
जाती भेद से .............. ? आज़ादी
धर्मभेद से ................. ? आज़ादी
ठेकेदारी प्रथा से ..........? आज़ादी
आपदा से .................. ? आज़ादी
पूंजीपतियों से ............ ? आज़ादी
हम लेके रहेंगे  ........... ? आज़ादी
तुम क्यों नहीं दोगे ...... ? आज़ादी
ये हक़ है हमारा .......... ? आज़ादी
तुम्हें देनी पड़ेगी ......... ? आज़ादी
हम छीन के लेंगे ......... ? आज़ादी
आज़ादी, आज़ादी, आज़ादी, आज़ादी
आज़ादी, आज़ादी, आज़ादी, आज़ादी