गुरुवार, 10 सितंबर 2015

हड़ताली प्रदेश उत्तराखंड: कर्मचारियों के लिए नहीं जनता के लिए है लोकतंत्र

कर्मचारियों के लिए नहीं जनता के लिए है लोकतंत्र उत्तराखंड के सवा दो लाख कर्मचारियों के कारण पूरे प्रदेश की सवा करोड़ जनता त्रस्त है, जनता के द्वारा चुन कर भेजे गए सरकार में बैठे जनप्रतिनिधि भी जनता की नहीं इन कर्मचारियों की ही भाषा बोलते है... समय आ गया है उच्च न्यायालय उत्तराखंड के तमाम सरकारी खजाने से वेतन/भत्ते लेने वालों पर अगले 15 साल किसी भी प्रकार का धरना-प्रदर्शन, हड़ताल आदि पर पूर्णत: रोक लगाये और जो उलंघन करे उसे त्वरित बर्खास्त किया जाये... तभी इस प्रदेश का विकास हो सकता है और जनता को लाभ...

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