रविवार, 27 जुलाई 2014

जनता को दंगो में धकेलकर धर्म के ठेकेदार मौज में

जो लोग शिक्षा, चिकित्सा, सड़क, बिजली, पानी, दुराचार, भ्रष्टाचार जैसे ज्वलंतशील मुद्दों को छोड़ मन्दिर, मस्जिद, गुरुद्वारा, चर्च आदि धार्मिक विषयों, स्थलों-भवनों के लिए लड़ रहे हैं, वो सभी निर्पट मूर्ख हैं और धर्म के ठेकेदारों के हाथों की कठपुतली बनकर अपने ही हाथों अपने देश को विनाश की ओर धकेल रहे हैं, एसा करने से न उनका खुद का भला होगा, न विपक्षी का, भला होगा तो केवल धर्म के ठेकेदारों का, सोचो जरा आज आपके गाँव में सरकारी स्कूल की जो खस्ता हालत है !क्या वही हालत आपके गाँव के मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा, चर्च आदि धार्मिक स्थल या उसके संचालकों की भी है ? अगर नहीं तो सोच बदलो और आपसी सोहार्द से देश बचाओ...

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