शनिवार, 8 फ़रवरी 2014

सूचना विभाग अख़बारों को विज्ञापन बाँटने वाला दलाल स्ट्रीट का दलाल, जन से नहीं धन से है सम्पर्क

सूचना विभाग का गठन करने के पीछे उद्देश्य रहा होगा कि इस विभाग में कार्यरत्त कर्मचारी देशभर में जनहितकारी योजना, कानून, अधिकारों की सूचना का आदान-प्रदान जन-जन तक पहुँचाने में सहायक होंगे और आम आदमी का जीवन स्तर सुधरेगा| मगर जहाँ तक मैं देख रहा हूँ सूचना विभाग और उसके कर्मचारी जन-जन से नहीं बल्कि छोटे-बड़े अख़बार, पत्रिका, टी.वी. चैनल को जनता के धन को बाँटने वाला दलाल स्ट्रीट का दलाल की भूमिका निभाकर जनता के दिए करों से संग्रहित धन को ठिकाने लगा रहा है और मौजूदा दलों की सरकार के घपले-घोटालों को दबाने-छिपाने का माध्यम बना है |  

सूचना विभाग को चाहिए वो जन-धन का दुरूपयोग करना बंद करे और जनता को जनउपयोगी सूचना भेज जन-जन को अपने अधिकारों के प्रति जागरूक करे | देश भर में सूचना विभाग का विस्तार जिला स्तर तक हो चुका है जिसके माध्यम से आम जनता जागरूक होकर अपने अधिकारों के बारे में जानकारी हासिल कर बेहतर जीवन-यापन कर सकती है | प्रत्येक राज्य में सूचना विभाग अपनी मासिक पत्रिका निकालती है जिसमें मात्र मौजूदा पार्टी की सरकार की चापलूसी की ख़बरें और चित्रों का प्रकाशन होता है | सूचना विभाग को चाहिए वो अपने पत्रकारों का सही दिशा में उपयोग करे और ब्लाक और ग्राम स्तर तक सूचना विभाग का ढांचा मजबूत कर जनता की समस्या जाने और देश और राज्य में कानून में मौजूद समस्या का समाधान के बारे में जन-जन को जागरूक करे ताकि आम आदमी को बेहतर मूलभूत सुविधाएँ और न्याय मिल सके | आज देश का आम आदमी जानकारी के अभाव के कारण उत्पीड़न का शिकार होने के लिए मजबूर है अगर आम आदमी को उसके अधिकारों का पता होगा तो वो उत्पीड़न का शिकार नहीं होगा |

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें