बुधवार, 20 अगस्त 2014

नदियों की गर्व में हत्या

हिमालय भारत और विश्व भर के लोगों के लिए मशहूर पर्यटन स्थल है। लेकिन पर्यटन का यहाँ के पारिस्थितिकी तंत्र पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा है। जिसका प्रमाण केदारनाथ आपदा, और इस वर्ष मची तबाही है| यहाँ विस्फोटकों का स्तमाल कर, पर्यटन और तीर्थाटन को बढ़ावा दिया जाना मतलब हिमालयी राज्यों से निकलने वाली नदियों को उनके गर्व में ही मार देना जिससे सम्पूर्ण भारत में बाढ़, आपदा, सूखा निरंतर देखने को मिलेगा | हिमालयी क्षेत्र में आजीविका के लिए फलदार वृक्ष, कृषि, जड़ी-बूटी, बागवानी आदि प्रकृति से जुड़े साधन ही लाभकारी होंगे |

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